ऐ शाह के ग़म में जान खोने वालो By Rubaai << पाता नहीं मौत पर कोई शख़्... क्यूँ क़हर-ए-ख़ुदावंद-ए-म... >> ऐ शाह के ग़म में जान खोने वालो ऐ इब्न-ए-अली के सदक़े होने वालो इस अज्र-ए-अज़ीम को न दो हाथों से अब दो ही शबें और हैं रोने वालो Share on: