फ़ितरत के मुताबिक़ अगर इंसाँ ले काम Admin बाइक शायरी हिंदी, Rubaai << गर जौर-ओ-जफ़ा करे तो इनआ&... इक आलम-ए-ख़्वाब ख़ल्क़ पर... >> फ़ितरत के मुताबिक़ अगर इंसाँ ले काम हैवान तो हैवान जमादात हों राम मिट्टी पानी हवा हरारत बिजली दानिश-मंदों के हैं मुतीअ अहकाम Share on: