बे-बर्ग-ओ-नवा की शेर-ख़्वानी मा'लूम Admin शायरी नुक्ता, Rubaai << दामन से गुल-ए-ताज़ा महकते... बानो ने कहा क़तरा नहीं शी... >> बे-बर्ग-ओ-नवा की शेर ख़्वानी मा'लूम बे-दाना-ओ-दाम नुक्ता-दानी मा'लूम जिस की ग़म-ए-नाँ ही ग़िज़ा हो उस की मैदान-ए-सुख़न में पहलवानी मा'लूम Share on: