है नाज़िश-ए-काएनात ये पैकर-ए-ख़ाक By Rubaai << ईरानी फ़साहत और हिजाज़ी ग... तौहीद >> है नाज़िश-ए-काएनात ये पैकर-ए-ख़ाक धूम इस ने मचा रक्खी है ज़ेर-ए-अफ़्लाक ये दार-ए-फ़ना ये इस की बज़्म-आराई ग़ाफ़िल अंजाम से है या है बेबाक Share on: