हम आलम-ए-ख़्वाब में हैं या हम हैं ख़्वाब Admin बाबा साहेब आंबेडकर शायरी, Rubaai << ईद-ए-क़ुर्बां है आज ऐ अहल... होती नहीं फ़िक्र से कोई अ... >> हम आलम-ए-ख़्वाब में हैं या हम हैं ख़्वाब हम ख़ुद वसाएल हैं ख़ुद सवाल और जवाब आई नहीं कोई शय कहीं बाहर से हम ख़ुद हैं मुसब्बब और ख़ुद हैं अस्बाब Share on: