हुए बे-ख़ुद तो बे-ख़ुदी आई Admin माया शायरी, Rubaai << इश्क़ माशूक़ का है पैदाई देख कर तेरी आलम-आराई >> हुए बे-ख़ुद तो बे-ख़ुदी आई ख़ुद-शनासी हुई ख़ुद-आराई ख़ुद-नुमाई नहीं ख़ुदाई है ख़ुद-तमाशा ओ ख़ुद-तमाशाई Share on: