हुशियार है सब से बा-ख़बर है जब तक By Rubaai << रक्षा-बंधन की सुब्ह रस की... क़तरे अरक़-ए-जिस्म के मोत... >> हुशियार है सब से बा-ख़बर है जब तक बेदार है आलम पे नज़र है जब तक पैदा है सरीर-ए-क्लिक से ये आवाज़ कर फ़िक्र-ए-सुख़न ज़बान-ए-तर है जब तक Share on: