इस पार से यूँ डूब के उस पार गए By Rubaai << पीरी में शबाब की निशानी न... दुनिया के हर एक ज़र्रे से... >> इस पार से यूँ डूब के उस पार गए सोती क़िस्मत को कर के बेदार गए इतने हुए थक के शल कि फिर उठ न सके हिम्मत नहीं हारी जान तक हार गए Share on: