पीरी में शबाब की निशानी न मली By Rubaai << रिंदों को बहिश्त की ख़बर ... इस पार से यूँ डूब के उस प... >> पीरी में शबाब की निशानी न मिली अफ़्सोस मताअ-ए-ज़िंदगानी न मिली जो कुछ खोया था ढूँढ कर फिर पाया हर चीज़ मिली मगर जवानी न मिली Share on: