इस वक़्त ज़माने में बहम ऐसे हैं Admin ईमान की शायरी, Rubaai << जाँ जाए पर उम्मीद न जाएगी... इस बज़्म से मैदान में जान... >> इस वक़्त ज़माने में बहम ऐसे हैं हर बज़्म में कहते हैं कि हम ऐसे हैं है रिंद-ए-हज़ार-शेवा हर चंद 'क़लक़' ईमाँ से अगर पूछिए कम ऐसे हैं Share on: