ज़ुल्फ़ों से फ़ज़ाओं में अदाहट का समाँ By Rubaai << पुतली की तरह नज़र से मस्त... मय-ख़ान-ए-कौसर का शराबी ह... >> ज़ुल्फ़ों से फ़ज़ाओं में अदाहट का समाँ मुखड़ा है कि आग में तरावट का समाँ ये सोज़-ओ-गुदाज़-ए-क़द-ए-र'अना! जैसे हीरे के मनार में घुलावट का समाँ Share on: