जो कोई कि आफ़त-ए-निहानी माँगे Admin अदम गोंडवी की शायरी, Rubaai << चौथी का जोड़ा दे जिस को शराब-ए-नाब पानी... >> जो कोई कि आफ़त-ए-निहानी माँगे और मुल्क-ए-अदम की कुछ निशानी माँगे दिखला दे उसे तू अपनी शमशीर-ए-निगाह जिस का मारा कभी न पानी माँगे Share on: