बे-नग़्मा है ऐ 'जोश' हमारा दरबार By Rubaai << दिल की जानिब रुजूअ होता ह... बरसात है दिल डस रहा है पा... >> बे-नग़्मा है ऐ 'जोश' हमारा दरबार अब आलम-ए-अर्वाह में टुक आओ भी यार ये कौन बुला रहा है ''हम हैं ऐ जोश'' 'आज़ाद' 'शरर' 'रफ़ीअ' 'शाएर' 'अबरार' Share on: