दिल की जानिब रुजूअ होता हूँ मैं By Rubaai << दिल रस्म के साँचे में न ढ... बे-नग़्मा है ऐ 'जोश&#... >> दिल की जानिब रुजूअ होता हों मैं सर-ता-ब-क़द रुजूअ होता हों मैं जब महर-ए-मुबीं ग़ुरूब हो जाता है पैमाना-ब-कफ़ तुलू'अ होता हूँ मैं Share on: