कहता हूँ ख़ुदा-लगती अक़ीदे के ख़िलाफ़ Admin पाकिस्तान के खिलाफ शायरी, Rubaai << कल तक थी ख़ुल्द ख़ाना-ज़ा... जो जा के न आए फिर जवानी ह... >> कहता हूँ ख़ुदा-लगती अक़ीदे के ख़िलाफ़ है तेरा ख़ता-वार सज़ावार-ए-मुआ'फ़ है रहम ही शायान-ए-ख़ुदाई तुझ को इंसाफ़ यही है कि न करना इंसाफ़ Share on: