कहते हैं जो अहल-ए-अक़्ल हैं दूर-अंदेश Admin अदम गोंडवी की शायरी, Rubaai << कहते हैं सभी मुसदाम अल्ला... काफ़िर को है बंदगी बुतों ... >> कहते हैं जो अहल-ए-अक़्ल हैं दूर-अंदेश मख़्लूक़ को है अदम का रस्ता दरपेश मख़्लूक़ भला अदम से निकली कब थी मौजूद तो है वही जो कम हो ने बेश Share on: