कम-ज़र्फ़ अगर दौलत-ओ-ज़र पाता है Admin Rubaai << मर मर के लहद में मैं ने ज... जो मा'नी-ए-मज़मूँ है ... >> कम-ज़र्फ़ अगर दौलत-ओ-ज़र पाता है मानिंद-ए-हबाब उभर के उतर आता है करते हैं ज़रा सी बात पर फ़िक्र ख़सीस तिनका थोड़ी सी हवा से उड़ जाता है Share on: