कुन-फ़-यकून से पहले का आलम Admin हिन्दी धोका शायरी, Rubaai << मज्ज़ूब इज्तिहाद >> तारीकी-ए-शब और हो तारीक तरीन तब दिल को मिरे आए हक़ीक़त पे यक़ीन जो नूर का सैलाब है इक धोका है तारीकी-ए-अफ़्लाक है जौहर की अमीन Share on: