लज़्ज़त में ख़ुदी की खो गया है ज़ाहिद By Rubaai << जो महरम-ए-गुलज़ार-ए-जहाँ ... जंगल से घने ख़्वाब-ए-हक़ी... >> लज़्ज़त में ख़ुदी की खो गया है ज़ाहिद दूर दूर ख़ुदा से हो गया है ज़ाहिद सुनता नहीं अब शिकस्ता मस्जिद की सदा सज्दे में कुछ ऐसा सो गया है ज़ाहिद Share on: