मैं मुंकिर-ए-अस्लाफ़ नहीं हूँ यारो By Rubaai << माहौल से ज़ुल्मत की रिदा ... किस ख़ौफ़ का दाग़ माह-ए-व... >> मैं मुंकिर-ए-अस्लाफ़ नहीं हूँ यारो कुछ हासिद-ए-औसाफ़ नहीं हूँ यारो हर शेर में भरता हूँ मगर वक़्त की आग शाएर हूँ सुख़न-ए-बाफ़ नहीं हूँ यारो Share on: