मय-ख़्वारों से जब दूर नज़र आएगी Admin शायरी बेटी पर, Rubaai << मालूम कि इंसान किसे कहते ... लिल्लाह मिरी सोज़िश-ए-पैह... >> मय-ख़्वारों से जब दूर नज़र आएगी जब आप को पुर-नूर नज़र आएगी जो आज है अंगूर की बेटी ज़ाहिद जन्नत में वही हूर नज़र आएगी Share on: