मिलिए उस शख़्स से जो आदम होवे By स्वागत, ख़ुश बयानी, Rubaai << बुलबुल की ज़बाँ तक जला डा... वो ताज है सर पर कि दबा जा... >> मिलिए उस शख़्स से जो आदम होवे नाज़ उस को कमाल पर बहुत कम होवे हो गर्म-ए-सुख़न तो गिर्द आवे यक ख़ल्क़ ख़ामोश रहे तो एक आलम होवे Share on: