स्माल नहीं ग्रेट होना अच्छा Admin पंडित की शायरी, Rubaai << सुनता नहीं कुछ किसी से बढ... शैतान से दिल को रब्त हो ज... >> स्माल नहीं ग्रेट होना अच्छा दिल होना बुरा है पेट होना अच्छा पंडित हो कि मौलवी हो दोनों बे-कार इंसाँ को ग्रेजुएट होना अच्छा Share on: