सुनता नहीं कुछ किसी से बढ़ बढ़ के सिवा Admin पढ़ने वाली शायरी, Rubaai << ताक़त वो है बा-असर जो सुल... स्माल नहीं ग्रेट होना अच्... >> सुनता नहीं कुछ किसी से बढ़ बढ़ के सिवा कहता नहीं कोई कुछ पढ़ पढ़ के सिवा पढ़ने का न ठीक उसूल बढ़ने की न राह और क़िबला कोई नहीं अलीगढ़ के सिवा Share on: