तालीम की मीज़ान में हैं तुलते जाते By Rubaai << सहराओं की बात ज़ारों में ... अकबर ने जो घर मौत का आबाद... >> तालीम की मीज़ान में हैं तुलते जाते हैं जौहर-ए-तब्अ रोज़ खुलते जाते है अक़्ल की बज़्म आलिमों रौशन ख़ुद गरचे हैं मिस्ल-ए-शम्अ' घुलते जाते Share on: