तारीक रगें लहू से रौशन कर दे By Rubaai << सहमे सहमे दिलों में हिम्म... पाता नहीं मौत पर कोई शख़्... >> तारीक रगें लहू से रौशन कर दे शादाबी-ए-ज़र को ज़ेब-ए-दामन कर दे ऐ शम-ए-फ़रोज़ाँ पस-ए-लौह-ए-सहरी बादल आँखों को बर्क़-ए-मस्कन कर दे Share on: