तूफ़ान नई तरह उठा देखें तो By Rubaai << बालों पे ग़ुबार-ए-शेब ज़ा... कहती हैं यही तेरी निगाहें... >> तूफ़ान नई तरह उठा देखें तो दीवार गिरी शोर हुआ देखें तो इक जस्त में तय राह-ए-मोहब्बत होगी रोकेगा तुम्हें कौन ज़रा देखें तो Share on: