वाइज़ को मुनासिब नहीं रिंदों से तने By Rubaai << वक़्त की मुसाइदत अहबाब से उम्मीद है बे-जा ... >> वाइज़ को मुनासिब नहीं रिंदों से तने मिम्बर पे लताड़ दें अगर दिल में ठने अच्छे हैं 'यगाना' या बुरे जैसे हैं यारों ने बना दिया कि ख़ुद ऐसे बने Share on: