वो शान-ओ-शौकत ज़िंदगानी न रही Admin इस्लाम शेरो शायरी, Rubaai वो रंग-ए-कुहन तुम्हारे आश... >> वो शान-ओ-शौकत ज़िंदगानी न रही ग़ैरत की हरम में पासबानी न रही पर्दा उठा तो खुल गया ऐ 'अकबर' इस्लाम में अब वो लन-तरानी न रही Share on: