यहाँ काल से है तरह तरह की तकलीफ़ Admin रमजान शायरी इमेज, Rubaai << ज़ाहिर में अगरचे यार ग़म-... वो चश्मा दिला कहाँ से पैद... >> यहाँ काल से है तरह तरह की तकलीफ़ फ़ाक़ों से हुए हैं आदमी ज़ार नहीफ़ इस साल में या हज़रत-ए-माह-ए-रमज़ाँ हाजत क्या थी कि आप लाए तशरीफ़ Share on: