दो लफ्ज़ लबों पर गुमसुम से बैठे थे Admin खामोश शायरी इन हिंदी, Sad << सबूतों की ज़रूरत पड़ रही है अधूरी हसरतों का आज भी इलज... >> दो लफ्ज़ लबों पर गुमसुम से बैठे थे,न वो कुछ कह सके न हम कुछ कह सकेज़ुबाँ भी आज ख़ामोश से बैठे थे,न वो कुछ सुन सके न हम कुछ सुन सके।This is a great लबों पर शायरी. Share on: