फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने की Admin बेगाने शायरी, Sad << परछाइयों के शहर की तन्हाई... किसी ने यूँ ही पूछ लिया ह... >> फुर्सत किसे है ज़ख्मों को सरहाने कीनिगाहें बदल जाती हैं अपने बेगानों कीतुम भी छोड़कर चले गए हमेंअब तम्मना न रही किसी से दिल लगाने की।This is a great शायरी किसे कहते है. True lovers of shayari will love this शायरी किसे कहते हैं. Share on: