ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है Admin तड़प शायरी, Sad << आज उसने एक और दर्द दिया त... इशरत-ए-क़तरा है दरिया में... >> ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती हैतड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है।This is a great मुसीबत की शायरी. True lovers of shayari will love this मुसीबत पर शायरी. Share on: