मुझमें और तवायफ में फर्के फक्त है इत्ता Admin फर्क शायरी, Sad << ग़म वो मय-ख़ाना कमी जिस म... ना जाने क्या कहा था डूबने... >> मुझमें और तवायफ में फर्के फक्त है इत्ता,वो शब निकले, मैं सुब से निकलूँ साज़ो श्रृंगार में।This is a great फर्क शायरी. True lovers of shayari will love this फक्त मराठी शायरी. Share on: