आबरू शर्त है इंसाँ के लिए दुनिया में By Sher << आँखों से पिलाते रहो साग़र... चूँ शम-ए-सोज़ाँ चूँ ज़र्र... >> आबरू शर्त है इंसाँ के लिए दुनिया में न रही आब जो बाक़ी तो है गौहर पत्थर Share on: