आदमी बन के मिरा आदमियों में रहना By Sher << अपनी बुलंदियों से गिरूँ भ... बना रक्खी हैं दीवारों पे ... >> आदमी बन के मिरा आदमियों में रहना एक अलग वज़्अ है दरवेशी ओ सुल्तानी से Share on: