आदमी को चाहिए तौफ़ीक़ चलने की फ़क़त By Sher << हालत के तग़य्युर पर हो मा... आप की हस्ती में ही मस्तूर... >> आदमी को चाहिए तौफ़ीक़ चलने की फ़क़त कुछ नहीं तो गुज़रे वक़्तों का धुआँ ले कर चले Share on: