दश्त-ए-वहशत-ख़ेज़ में उर्यां है 'आग़ा' आप ही By Sher << अब धनक के रंग भी उन को भल... वहाँ शायद कोई बैठा हुआ है >> दश्त-ए-वहशत-ख़ेज़ में उर्यां है 'आग़ा' आप ही क़ासिद-ए-जानाँ को क्या देता जो ख़िलअत माँगता Share on: