आह ये महकी हुई शामें ये लोगों के हुजूम By Sher << और एहसास-ए-जिहालत बढ़ गया किसी लाशे पे ये बाद-ए-सबा... >> आह ये महकी हुई शामें ये लोगों के हुजूम दिल को कुछ बीती हुई तन्हाइयाँ याद आ गईं Share on: