आईना-ए-हयात में बरसों से ऐ वक़ास By Sher << ऐसे में किस का भरोसा कीजि... आह करता है तो ज़ंजीर भी र... >> आईना-ए-हयात में बरसों से ऐ वक़ास ठहरा हुआ है अक्स तिरे ख़द्द-ओ-ख़ाल का Share on: