आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा By Sher << मैं बे-ख़याल कभी धूप में ... देखो तो हर इक रंग से मिलत... >> आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई Share on: