आज जब चाँदनी उतरी थी मिरे आँगन में By Sher << तुम्हारी याद है मातम-कुना... वाए क़िस्मत सबब इस का भी ... >> आज जब चाँदनी उतरी थी मिरे आँगन में चाँद किस लम्हा हुआ मुझ से ख़फ़ा याद आया Share on: