आज क़ातिल का गले पर मिरे ख़ंजर चमका By Sher << तू ने अब तक जिसे नहीं समझ... मिरा ख़ून-ए-दिल यूँ बहा द... >> आज क़ातिल का गले पर मिरे ख़ंजर चमका लिल्लाहिल-हम्द कि मेरा भी मुक़द्दर चमका Share on: