तू ने अब तक जिसे नहीं समझा By Sher << नज़्ज़ारा-ए-क़ातिल ने किय... आज क़ातिल का गले पर मिरे ... >> तू ने अब तक जिसे नहीं समझा और फिर उस की बंदगी कब तक Share on: