आँखें दिखलाते हो जोबन तो दिखाओ साहब By Sher << एक ही शय थी ब-अंदाज़-ए-दि... सुबू-ए-फ़लसफ़ा-ए-इश्क़-ओ-... >> आँखें दिखलाते हो जोबन तो दिखाओ साहब वो अलग बाँध के रक्खा है जो माल अच्छा है show me not your anger dear show me your youthful prime the wealth that you have covered up is truly sublime Share on: