आख़िर-ए-शब हुई आग़ाज़ कहानी अपनी By Sher << अजब नहीं कि ये दरिया नज़र... राह-ए-दिल को रौंद कर आगे ... >> आख़िर-ए-शब हुई आग़ाज़ कहानी अपनी हम ने पाया भी तो इक उम्र गँवा कर उस को Share on: