राह-ए-दिल को रौंद कर आगे निकल जाएँगे लोग By दिल, आँख, Sher << आख़िर-ए-शब हुई आग़ाज़ कहा... ज़रा सा मिल के दिखाओ कि ऐ... >> राह-ए-दिल को रौंद कर आगे निकल जाएँगे लोग आँख में उठता ग़ुबार-ए-क़ाफ़िला रह जाएगा Share on: