आँखों में बस के दिल में समा कर चले गए By Sher << तुम्हें नहीं हो अगर आज गो... 'रम्ज़' अधूरे ख़्... >> आँखों में बस के दिल में समा कर चले गए ख़्वाबीदा ज़िंदगी थी जगा कर चले गए Share on: