आलम में जिस की धूम थी उस शाहकार पर By Sher << अभी अरमान कुछ बाक़ी हैं द... आज भी शायद कोई फूलों का त... >> आलम में जिस की धूम थी उस शाहकार पर दीमक ने जो लिखे कभी वो तब्सिरे भी देख Share on: