आलम-ए-हू में कुछ आवाज़ सी आ जाती है By Sher << शिकस्ता-दिल अँधेरी शब अके... हमारी ज़िंदगी जैसे कोई शब... >> आलम-ए-हू में कुछ आवाज़ सी आ जाती है चुपके चुपके कोई कहता है फ़साना दिल का Share on: